हमारे बारे में
"संगम सवेरा में आप का हार्दिक स्वागत है।"
हिंदी-सर्वोत्तम भाषा
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, हिंदी हमारे सांस्कृतिक एकता की भाषा है। वस्तुतः हिंदी देववाणी संस्कृत के सबसे समीप है। साथ ही दोनों की स्वतंत्र व समृद्ध लिपि देवनागरी ही है, इसीलिए ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदी संस्कृत की बेटी है,यह सत्य और सटीक प्रतीत होता है, क्योंकि संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग सर्वाधिक हिंदी में ही होता है।
ओजपूर्ण बड़ी अनूठी है।
हिंदी संस्कृत की बेटी है।।
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सरल, तरल बोधगम्य है हिंदी।
भाषा,भाव में प्रणम्य है हिंदी।।
रस, छंद, अलंकार सार विभूषित,
अद्भुत, अनुपम, अनन्य है हिंदी।।
(-©नवल किशोर सिंह)
यही नहीं हिंदी में संस्कृतनिष्ठ, संस्कृत से ईषत परिवर्तित व अपभ्रंश शब्दों के अतिरिक्त आंचलिक शब्दों की भी बहुलता है। देश की ही नहीं हिंदी के प्रांगण में विदेशी शब्द भी प्रचुरता में उपलब्ध है। और ये ऐसे ही नहीं है, हमारे वैयाकरणों ने इन्हें देशज और विदेशज शब्दों के रूप में मानक वर्गीकरण किया हुआ है।
हिंदी बहुत ही सरल और सुगम भाषा है। हम जो लिखते है वही पढ़ते है। लिपि हमारी समृद्ध और समुचित है। जितना चाहिए, उतना ही, न ज्यादा न कम।इसीलिए जो लिखते वही अपरिवर्तनीय ध्वनि सदैव सर्वत्र रहती है।
रूप लावण्यता में हिंदी की सानी नहीं।
हृदय है, हिंदी जैसी कोई वाणी नहीं है।
(-©नवल किशोर सिंह)
बस इसी भाव को आत्मसात किये हुए, नव परिवर्तित स्वरूप में अगस्त 2019 में संगम सवेरा ई पत्रिका की शुरुआत हुई थी।
पहले केवल पीडीएफ रूप में प्रकाशित होती रही पत्रिका दिसंबर 2019 से यह ऑनलाइन भी प्रकाशित होने लगी है। साहित्य को समर्पित यह वेब पत्रिका हिंदी भाषा के विकास को प्रतिबद्ध है, जो प्रतिमाह नवांकुरों को निःशुल्क प्रकाशित होने का प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है।
आप हमारे इस पृष्ठ पर विभिन्न विधाओं में रचित अनेकों रचनाओं का रसास्वादन कर सकते हैं। सारगर्भित विचारों के अवलोकन के साथ-साथ सृजन से संबंधित ज्ञान भी अर्जित कर सकते हैं।
तो आईये, आप भी हमारे साथ जुड़िये और संकल्प लीजिये।
हिंदी का ध्वज गगन तक लहरायें
हिंदी को उपयुक्त स्थान दिलवाएँ।
-©नवल किशोर सिंह
संपर्क करें-
sangamsavera@gmail.com
★संपादक मंडल★
प्रधान संपादक
नवल किशोर सिंह (पूर्व वायु सैनिक)
डी एम ई, डी सी ए, एम ए, एम बी ए
संप्रति- उप अभियंता, भेल तिरुचि
★मुख्य संपादिका★
वंदना नामदेव
बी. एस-सी.
स्वतंत्र रचनाकार
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★संपादक★
तेजराम नायक
एम. एस - सी (रसायन शास्त्र)
एम. ए. हिंदी साहित्य, समाज शास्त्र
बी. एड.
अध्यापक व स्वतंत्र रचनाकार
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सह-संपादक
कुमारी निरुपमा
अध्यापिका (बिहार )
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सह-संपादक
रतन कुमार शर्मा,
हिंदी शिक्षक (गुजरात )
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उप संपादक
दुर्गेश राव
अध्यापक व स्वतंत्र रचनाकार
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**◆परामर्शदातृ समिति◆
संरक्षक
डॉ राकेश सक्सेना
पूर्व विभागाध्यक्ष (हिंदी),
जे एल एन कॉलेज, एटा
संप्रति- प्राचार्य,
जी एस एम पी जी कॉलेज, एटा (उ प्र )
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श्री घनश्याम सहाय
प्राचार्य, डी ए वी, डुमराँव (बिहार )
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श्री अशोक दीप
शिक्षक, जयपुर (राज )
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सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास
जवाब देंहटाएंअभिनंदनीय
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