शेखावाटी : एक संगम प्रदेश (आलेख)- ज्ञानीचोर

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#शेखावाटी : एक संगम प्रदेश

  (आलेख)

भौतिक दृष्टि से राजस्थान के अनेक विभाग है। राजस्थान के 60% भाग पर थार मरुस्थल का प्रसार।गुजरात के पालनपुर से दिल्ली रायसीना पहाड़ी तक जहाँ राष्ट्रपति भवन है वहाँँ तक अरावली का विस्तार है। यानी अरावली पर शासक विराजमान है। राजस्थान आज भी  क्षेत्रीय सांस्कृतिक आधार पर कई भागों में विभाजित है ये विभाग इसके गौरव का बखान करते हैं। मेवाड़ मारवाड़ हाड़ौती मेवात ढूंढाड़ शेखावाटी इत्यादि।



 शेखावाटी को संगम प्रदेश इसकी भौतिक राजनीतिक आर्थिक सांस्कृतिक विविधता के कारण कहा जा सकता है। 

सिर्फ शेखावाटी को ही संगम प्रदेश कहा जा सकता है ! राजस्थान के अन्य भागों को क्यों नहीं ? इसका कारण तभी पता चलेगा जब शेखावाटी के संगम को जान लेंगे।

शेखावाटी अंचल में राजस्थान के सीकर चूरू झुंझुनू जिले नागौर जिले का सीमा क्षेत्र आता है। भौतिक दृष्टि से यह अनोखा और विविधताओं से भरा है। यहाँ एक और अरावली है तो दूसरी ओर थार मरुस्थल का विस्तार। उत्तरी अरावली की सबसे ऊंची पर्वत चोटी रघुनाथगढ़। उदयपुर सिरोही की चोटियों के बाद उत्तरी-पूर्वी अरावली की सबसे ऊंची चोटी है।

 रघुनाथगढ़ की पहाड़ियाँँ, हर्ष की पहाड़ियाँँ, खंडेला की पहाड़ियाल,बबाई-खेतड़ी की पहाड़ियाँँ, मालखेत की पहाड़ियाँँ यही है। कहने का आशय है कि यहाँँ पर्वत प्रदेश और रेगिस्तान का संगम है।

 सीकर चूरू झुंझुनू में रेगिस्तान के टीलों का रेला दिखाई देगा। चंद्राकार बरखान अनुदैर्ध्य हर प्रकार के टीले। बालू रेत का समुद्र।

वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अरावली में शाकम्भरी कंजर्वेशन तो रेगिस्तान में तालछापर अभयारण्य।

 वर्षा ऋतु देखने का लुत्फ उठाना हो तो आइए इसके पहाड़ी प्रदेश में । वहीं वर्षा ऋतु में सूखा प्रदेश देखना हो तो ठहरिये इसी प्रदेश में। यहाँ वर्षा और अकाल का संगम है।

हर ऋतु का संगम इसी प्रदेश में मिलेगा। गर्मियों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है वहीं शीतकाल में पारा माइनस 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। पाला जम जाता है। वनस्पति अधिक ताप और अधिक शीत दोनों में झुलस जाती है। ऐसा लगता है 2-3 दशक में यहाँ बर्फबारी होने लग जायेगी। 

तीर्थराज लोहागर्ल जहाँ पांडवों ने वनवास में शरण ली उनकी लोहे की बेड़ियाँ यहाँ के सूर्यकुंड में गलकर कट गई। रघुनाथगढ़ पहाड़ों में वशिष्ठ मुनि तपोस्थली है जहाँ वशिष्ठ कुंड में गर्म पानी है। मालकेतु पहाड़ी शिखर पर। पहाड़ियों में शाकम्भरी माता,जीण माता। महादेव  हर्षनाथ के रूप में। सालासर धाम,खाटूश्यामजी व अनेक मेले। तीर्थ संगम के रूप में प्रसिद्ध है। 

पहाड़ी मैदानी रेगिस्तानी तीनों संस्कृतियों का संगम, पहाड़ी,मैदानी,पर्वतीय गाँवों का संगम है। अनेक बोलियों का भाषा के साथ संगम।

सुप्रसिद्ध कलात्मक चित्रकारी से सुसज्जित शेखावाटी की हवेलियाँ देश विदेश के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र। पहाड़ी और धान्वन दुर्ग भी बने है। इतिहास की कलात्मकता और पुरातत्व का संगम है। वीरों और दानवीरों की संगम भूमि। इतिहास में डूँगजी-जवारजी की यशगाथा है तो  सेना के वीर शहीदों की शहादत का संगम। शेखावाटी के वीर पहले विदेशी आक्रांताओं,मुगलो और अंग्रेजों से राष्ट्र की सुरक्षा हेतु लड़े। अब यहाँ के युवा भारतीय फौज से जुड़कर सीमाप्रहरी बन दुश्मनों के लिए महाकाल का अवतार है। 

बिरला डालमिया जैसे उद्योगपति तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत जी की जन्मभूमि वहीं राष्ट्रपति रहीं श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल का ससुराल अर्थात राजनीति और अर्थनीति का संगम। वर्तमान में राजस्थान के कांग्रेस और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी शेखावाटी से।

इसका आशय है कि शेखावटी गर्मी व शीत,मानसून और अकाल,पहाड़ और रेगिस्तान, इतिहास और पुरातत्व, कला और संस्कृति, अनेक बोली व भाषा, अनेक जातियों, तीर्थ व मेले,राजनीति और अर्थशास्त्र, सिंचित व बारानी भूमि, शिक्षा नगरी और विज्ञान, हर अनुकूल प्रतिकूल परिस्थितियों का संगम है। सम्पूर्ण राजस्थान की छटा शेखावटी में मौजूद होने से यह शेखावटी संगम प्रदेश है।



 - ज्ञानीचोर

 शोधार्थी व कवि साहित्यकार

 मु.पो. रघुनाथगढ़, सीकर राजस्थान।

 मो. 9001321438

 ईमेल- binwalrajeshkumar@gmail.com
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