जन्माष्टमी का त्यौहार (कविता)- ईशिका गोयल
#जन्माष्टमी का त्यौहार #
कृष्णा जी के जन्म का पर्व है
विष्णु जी का आठवां था अवतार ..
कंस तथा असुरों का लिखा था नाश ..
उनकी लीलाओं ने सबका मन मोह लिया ...
ऐसे नटखट से बालक ने सबको
अपने रंग में समोहित कर लिया ..
अपनी शरारतों से सबके मन को लुभाते हैं ..
हमेशा राधा-कृष्ण के रूप में दर्शाये जाते हैं
आंधी-तुफान की वो रात थी ..
भारी वर्षा भी तुफ़ान के साथ थी ..
जब देवकी ने एक लाल को जन्म दिया ..
जेल के दरवाज़े खुले, रक्षक सारे सो गए ..
टोकरी में उठाये, नदी कैसे पार कराये ?
इसी व्यथा में वासुदेव जी चलते जाए ...
शेषनाग को देख थोड़ा सा घबराए ..
नदी पार कराने का पूरा जत्न था ..
ऐसा शेषनाग का वचन था ।।
जा पहुंचे गोकुल नंद के घर
" बोले सुन मेरे मित्र,मेरे भाई "
सारी व्यथा उन्हें सुनाई ...
आकाशवाणी की है सारी कहानी ..
आज से मेरे पुत्र की ज़िम्मेदारी हुई तुम्हारी ..
हाथ में कान्हा की बागडोर उन्हें थमाई ।।
अगले दिन सारा गांव खुशियां मना रहा ..
सारे गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया ..
यशोदा माता से सच छुपाया गया ..
जन्माष्टमी को बड़े धूमधाम से मनाया गया ...
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" नंद के घर आनंद भयो ,जय कन्हैया लाल की*🌸💐
इसी के साथ इसी पावन दिन का आगमन हुआ
पीला पितांबर ..हाथ में बासुंरी ..
माथे पर तिलक ..सिर पर मोर-मुकुट,
कान में कुंडल, चेहरे पर मासुमियत का भाव था ..
ऐसा मेरे कान्हा का मनमोहक रूप था ..✨
कैसे कोई कान्हा के प्रेम में ना पढ़े ...??
उनके साथ रासलिला सबका ख्वाब है .. गोपियों भी उनके साथ रास के लिए बेताब हैं ..
कान्हा .. यशोदानंदन .. कन्हैया ..बंसी बजैया .. नंदलाला ..कृष्णा ..रसिया ..बांके-बिहारी
अनेकों इनके नाम हैं ..।।
यह दिन बड़ी धूमधाम से मनायेंगे ..
मंदिरों को बड़े आनन्द से सजायेंगे ..✨✨
ढ़ेर सारा माखन खायेंगे ..🍯
कोई तो व्रत रखता है तो कोई पूजा-अर्चना ज़ोर-शोर से करता है..।।
हर तरफ खुशी का आलम सा है छाया ..
मेले ने बढ़ाई इस पर्व की शान है ..
कहीं झांकियां दिखती हैं ..
कहीं मृदंग बज रहा ..
तो कहीं बज रहा कड़ताल ..
तो कहीं बासुंरी की
धुन ने किसी का मन थिरकाया है ...
कहीं रासलीला ने सबको नचाया है ...
गोकुलवासी "गोकुलाष्टमी" के रूप में मनाते हैं
कृष्णा जी ने कैसे कंस का संहार किया ..
इस बात का यह दिन यादगार है ..।।
जन्माष्टमी के त्योहार का सब पर आनंद छाया है ।।
- ईशिका गोयल
पता - #3167, सैक्टर-47-ड़ी, चंडीगढ़ ।
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