भव्य बोली संवर्धन कार्यक्रम सम्पन्न (नवीन कुमार भट्ट नीर)
# *भव्य बोली संवर्धन कार्यक्रम सम्पन्न *#
"गीता गुप्ता मन की अवधी बोली सावन में मनभावन पंक्तियां "झूला परिगे है निबिया के डार,चलो गुइआ झूले चली" हर किसी का मन मोह लिया"
02/08/2020
नवीन कुमार भट्ट नीर- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा आज 02 अगस्त 2020 को बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आद. ऊषा सेठी कमाल जी, निर्देशिका सा सं सं, विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी बघेली डिजिटल प्रचारक, कार्यक्रम के अध्यक्ष आद राजवीर सिंह मंत्र जी, संयोजिका आद अलका जैन आनंदी जी एवं प्रचार निर्देशक नवीन कुमार भट्ट नीर की उपस्थिति में विभिन्न प्रांतों के कवि/ कवयित्रियों ने अपनी प्रस्तुति दी।
आद गीता गुप्ता मन जी, उन्नाव, उत्तरप्रदेश ने कार्यक्रम में समां बांधते हुए शुरुआत कुछ इस अंदाज में अवधी भाषा में प्रस्तुत की "झूला परिगे है निबिया के डार, चलो गुइआ झूले चली" कि लोग झूम उठे।
आद आशुतोष त्रिपाठी जी (अयोध्या, उत्तरप्रदेश) ने अवधी पंच खिचड़ी भाषा में अपनी प्रस्तुति दी कि "राम मंदिर के अब होइ निर्माण हो,रामलला करिहै मंदिर मा आराम हो",आद मिथलेश कुमार मिलिंद आजमगढ़ उत्तरप्रदेश ने बेहतरीन देशभक्ति आधारित ग़ज़ल सुनाई कि "हमारी आन पर उठता हुआ,सिर कब खत्म होगा" ,पटना बिहार से आशुतोष कुमार ने "आयल ऐछ नवका जमाना,कर्म कांड सेहो भेल फैशन पुराना" क्षेत्रीय बोली मैथिली में अपनी प्रस्तुति दी,आज उमा मिश्रा प्रीति जबलपुर मध्यप्रदेश ने बुन्देलखण्डी में "झूला झूलन दो माई श्याम पड़े पलना में" प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को सावन मनभावन बना दिया,सनौसी ब्योहारी शहडोल से उपस्थित आद राजेन्द्र प्रसाद रंजन जी ने बघेली कवि ने राखी के तेउहार मां भाई बहन के प्यार मा भैया केर जुरे हम बंधन,सावन केर बहार मां, बढ़िया प्रस्तुति दिये,छत्तीसगढ़ से योगेश ध्रुव भीम जी छत्तीसगढ़ी में "मोर मन के परेवना ओ" में प्रस्तुति दी।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष, संयोजिका, प्रचार निर्देशक एवं उपस्थित विद्वजनों को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ी खुशी की बात है की बोली संवर्धन के लिए आंनलाइन सुचारू रूप से चलाया गया जिसमें क्षेत्रीय बोली के कवि/कवयित्रियों द्वारा क्षेत्रीय बोली पर बेहतरीन प्रस्तुति दी गई, जो क्षेत्रीय बोली को बढ़ावा दे रही है, आप सबकी प्रस्तुति से बहुत ही मधुर बोलियों की मिठास की अनुभूति हुई और इसके लिए उन्होंने बोली विकास मंच का सादर आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आद ऊषा सेठी जी ने बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने का सुअवसर प्रदान करने के लिए कार्यक्रम संचालक मंडल का आभार व्यक्त किया तथा बोली विकास मंच द्वारा बोलियों को विकसित व बढ़ावा देने की बेहतरीन पहल की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों व कवि कवित्रियों को उन्होंने मुक्तकंठ से बधाई दिया।
आज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सर्व प्रथम मां वीणापाणि को नमन करते हुए आद उषा सेठी जी का आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मेरी विनती पर इस कार्यक्रम को आर्शीवाद प्रदान किया। इनका संदेश "क्षेत्रीय बोली को भी बढ़ावा मिले ताकि वो विलुप्त न होकर स्वर्णिम बन जाये"- मनन योग्य है। निश्चय ही आपके इस विचार को नव पीढ़ी अमल में लाएगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी, बघेली डिजिटल प्रचारक, आपने इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर अपने आर्शीवचन से बोली विकास मंच पर आयोजित किए जा रहे प्रयासों की सराहना की इसके लिए आपका क्रतज्ञ वंदन। आपकी अभिव्यक्ति, सराहना, संदेश स्वागतयोग्य है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष ने इस गौरव शाली कार्यक्रम में सम्मिलित सभी विद्वजनों के प्रति आभार प्रकट करते हुए "बोली विकास" का उत्साह वर्धन करने वाले मनीषियों को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम की समाप्ति की।
इस कार्यक्रम में उपस्थित विद्वजनों में अनिल धवन,कुमारी निरुपमा, तृप्ति त्रिवेदी,अर्चना वर्मा, प्रमोद चौहान, रविशंकर विद्यार्थी, डॉ राकेश सक्सेना, प्रतीति पाण्डेय, छाया सक्सेना, दामोदर मिश्रा, सुशील साहू, दर्शन जोशी,राखी सरोज,श्रवण,पंकज कुमार, आशीष ठाकुर, मोहम्मद अबीर, कृपाशंकर सिंह, राजेश कुमार राज, आलोक कुमार, आशीष ठाकुर, जयहिंद सिंह, सोनु मीना, हिमांशु गुप्ता, कुमुद श्रीवास्तव, सुनीति केशरवानी,नवल किशोर सिंह, संगीता जैन आदि थे।
-नवीन कुमार भट्ट नीर
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