जिसके शीश गुरु का हाथ (कविता)- करमजीत कौर
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# जिसके शीश गुरु का हाथ#
जिनके सिर पर है गुरु का हाथ
वो ना करते हैं, कभी भी पाप
क्योंकि गुरु, रास्ता दिखाए जाता
सच्चा मार्ग दिखाये जाता l
गुरु तो अपने, माता पिता भी होते हैं
जो हमारे लिए जगते और सोते हैं
बड़ा बनके हमारा रखवाला
पिता रास्ता दिखाए जाता l
गुरु तो हमारे बजुर्ग भी होते भी हैं
जो हमको अपना, तजुर्बा भी देते हैं
बजुर्ग बन कर, हमारा रखवाला
देखो, कैसे ये हमको समझाए जाता l
गुरु का है ऊँचा, स्थान, मेरे दोस्तो
इनके गुणों को, पहचानो मेरे दोस्तो
इनसे ले लो ज्ञान, जो फ्री में मिलता
ये तो, जिंदगी को स्वर्ग बनाये जाता l
-©करमजीत कौर, मलोट,
जिला श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब
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