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1 टिप्पणी:

  1. पीवे बैठे कल्लू भैया सब दोस्तन के संगे।
    मंगाई बोतल बैठे पीवे
    हो न लगी हर हर गंगे।
    पीके सबको मदहोशी सी छाई
    तब नॉनवेज खाबे की याद आई।
    कल्लू चुपके से घर पहुचें,
    बकरा खोल ले आये।
    एसो बनाये हम जाये,
    जो सब के मन को भये।
    एसो बनो लज़ीज़,
    सबई खाके लमलेट हो गए।
    कल्लू खो भी आयी झपकी,
    उनई के संगे सो गये।
    पहुँचे सवेरे कल्लू घर पे,
    बकरा देख भौचक्के से रह गये
    पत्नी को आवाज़ लगाई,
    बोले जो बकरा किते से आओ।
    पत्नी बोली छोड़ो बकरा
    एक बात हमे बताओ।
    चोरां जैसे घुसे घर मे
    जो का गजब कर गये।
    पहले जा बताओ
    रात में कुत्ता खोल के किते ले गये।
    मेरी स्वरचित रचना
    प्रमोद ठाकुर
    गवलियर मध्यप्रदेश
    9875377785

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