दैनिक श्रेष्ठ सृजन-31/01/2010(डॉ एन एल शर्मा)
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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
दैनिक श्रेष्ठ सृजन-31/01/2020
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0 डाॅ एन एल शर्मा 'निर्भय' जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 रूपेंद्र गौर जी
(दोनों सम्मान-पत्र इसी लिंक पर उपलब्ध है)
31 जनवरी2020
शीर्षक- मानव किसे कहें ?
विधा- ( हास्य रस)
वह मानव क्या मानव है?
जिसमें बसता चोर ।
कोई काम करता नहीं ,
मारा मारा फिरे चहुंओर।।
श्रम करने की लगन नहीं,
कहाँ सफलता हाथ।
काम में उत्साह नहीं,
कोई क्या दे साथ।।
बढ़ता शौक नशे का,
कोई न देता ध्यान।
जहर खा रहे मौज से,
रहे न तन में जान।।
शेखी में फिरता फिरे,
ताने सबके झेल।
कुछ आगे कर पाने में,
बाधक हैं ये खेल।।
पूत भाग्यशाली जना,
लाजवाब थे योग।
जन्म कुंडली कहती थी,
सुंदर श्रेष्ठ हों संजोग।।
रखते सुख की कामना,
काम-धामम सब छोड़।
भौतिक सुख में डूब रहे,
मन को लें कैसे मोड़।।
करते प्रारंभ काम को,
शुभ मुहुर्त में काम।
श्री गणेश पूजन करें,
जपकर प्रभु के नाम।।
जाते लेने बाजार में,
ले आते कुछ सौगात।
घर वाले सारे दुखी,
सबको दे आघात।।
मौका ढूंढे वे सदा,
कहाँ मिलेगा माल।
छटपटा कर लौटते,
माल का रहे मलाल।।
दारू मद में मस्त हो,
रखे मन में दम्भ।
हो जाता असहाय तो ,
भजन करे प्रारंभ।।
स्वरचित
डाॅ एन एल शर्मा 'निर्भय ,जयपुर
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