दैनिक श्रेष्ठ सृजन-05-02-2020(सरिता बजाज गुलाटी)

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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
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दैनिक श्रेष्ठ सृजन-05-02-2020
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0 सरिता बजाज गुलाटी जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 बसंत लाल दास जी
(दोनों सम्मान-पत्र इसी लिंक पर उपलब्ध है)



5 फरवरी 2020
"समाजिक और असमाजिक तत्वों मे कैसे हो संतुलन ?"
( संवाद लेखन)
मास्टर जी कक्षा में दाखिल हुए तो सभी छात्र सम्मान में खड़े हो गए ।
मास्टर जी ने सबका नमन स्वीकार करते हुए सभी को बैठने को कहा। तभी रवि और नितिन ने अंदर आने की इज़ाजत मांगी ।
मास्टर जी :- अन्दर आओ दोनों। इतनी देरी से क्यूं आए हो?
रवि :- मास्टर जी, क्षमा चाहते हैं, पर हमारे घर से स्कूल की ओर आने वाले रास्ते का कुछ लोगों ने चक्का जाम कर रखा है। जिस कारण आधे घण्टे की दूरी तय करने मे 2 घण्टे से अधिक का समय लग गया मास्टर जी।
नितिन :- क्षमा कीजिएगा मास्टर जी पर इसमें हमारा दोष नहीं है।
मास्टर जी :- (गंभीरता से) ठीक है बैठो तुम।
राजू:- मास्टर जी, ये लोगों ने ऐसे रास्ता क्यूं बंद कर रखा है? पिछले कई दिनों से यही सब चल रहा है। जिससे हम सब को बहुत परेशानी होती है।
रवि:- अरे वे लोग अपनी माँगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।
नितिन :- पर मास्टर जी ये तो गलत बात हुई न अपनी बात मनवाने के लिए कुछ लोग इस तरह चक्का जाम करके जाने कितने ही लोगो के लिए समस्या खड़ी करते हैं।
मास्टर जी :- हाँ बच्चो, सही कहा तुमने, इस तरह के प्रदर्शन को कुछ असमाजिक तत्व हमारी देश की छवि बिगाड़ने के लिए उकसाते है।
रवि:- असमाजिक तत्व क्या होता है?
मास्टर जी :- बच्चों प्रदर्शन करना, विरोध जताना हमारा संवैधानिक अधिकार है लेकिन उसका एक तरीका होता है। जिस तरह ये लोग चक्का जाम करते हैं, विश्वविद्यालयों में लेक्चर नहीं लगने देते, संसद के सत्र नहीं चलने देते, हम जैसे कितने ही लोगों के लिए कठिनाई पैदा करते है और देश के विकास में भी बाधा ड़ालते हैं।
नितिन :- तो मास्टर जी ऐसे असमाजिक तत्वों और समाजिक तत्वों में तालमेल कैसे बैठेगा और कौन बिठाएगा?
मास्टर जी :-हम सबको मिल कर ही यह करना होगा।
नितिन :-वह कैसे मास्टर जी?
मास्टर जी :-ऐसी किसी भी अफवाह को सच मान कर उनका अनुसरण करने की जगह पूरी बातों और स्थिति को समझना होगा, और सबको जागृत करना होगा। जब हम लोग सजग होंगे तो ऐसे लोगों का मनोबल टूटेगा ।
साथ ही आम जनता को और देश की सम्पति को जो नुकसान पहुँचाए उनके लिए कड़ी सज़ा का प्रावधान होना चाहिए जिससे कुछ भी गलत करने से पहले वे सौ बार सोचें।
रवि:-जी मास्टर जी।
मास्टर जी :- हम सबका देश के वासी होने के नाते केवल अधिकार ही नहीं कर्तव्य भी है। देश के विकास और सौहार्द मे बाधा बनने वाली किसी भी असमाजिक सोच और विचारधारा को सिरे से नकारना होगा।
सबको साथ लेकर चलना है किन्तु देश की गरिमा और मान सर्वप्रथम है। समझे बच्चों ?
सभी बच्चे :- जी मास्टर जी हम सदैव ध्यान रखेंगे।अगर किसी को विरोध करना है तो मर्यादा और देश के मान को ध्यान मे रखना होगा।
मास्टर जी :- बहुत अच्छे। चलो अब आज का पाठ पढ़ना शुरू करे।
 
 सभी बच्चे एक ही स्वर मे :- जी मास्टर जी।
 
 स्वरचित एंव मौलिक📝✍
 सरिता बजाज गुलाटी "सिया"

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