दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 29/01/2020(भाष्कर बुड़ाकोटी)
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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 29/01/2020
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0 भाष्कर बुड़ाकोटी जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 कपूरा राम मेघवाल जी
(दोनों सम्मान-पत्र इसी लिंक पर उपलब्ध है)
29 जनवरी 2020
शीर्षक- साहित्य और समालोचना (दोहा मुक्तक)
मिले ज्ञान साहित्य से, मिले सदा ही बोध।
बिना साहित्य जगत में, पग-पग आते रोध।
रचना रचते भाव से, रस छंद अलंकार,
उपज रहें अब हैं विधा, होते नित-नित शोध।"
उर से उपजे भाव ही, होते नित गतिमान।
छोड़ छाप साहित्य में, रचते नया विधान।
गुण अवगुण व्याख्या करें, सदा दिखाता मार्ग,
सतत समीक्षा जगत में, देता नव पहचान।"
कर रचना आलोचना, गद्य-पद्य भरपूर।
इंगित करे विधान को, करे दोष सब दूर।
सकल समीक्षा काव्य की, रचना रचे विधान,
परहित का नित भाव ही, करे काव्य मशहूर।"
-भाष्कर बुड़ाकोटी "निर्झर"
पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)
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