दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 03/01/2020 (रामगोपाल 'प्रयास ')
www.sangamsavera.in
संगम सवेरा पत्रिका
संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
E-mail-vishvsahityasangam@gmail.com
दैनिक श्रेष्ठ सृजन
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 रामगोपाल 'प्रयास ' जी
3 जनवरी 2020
शीर्षक- संस्कार (घनाक्षरी)
संस्कार का मूल अर्थ
जीवन न जाए व्यर्थ
धर्म के ही कृत्य कर
सत्य राह चलिये ।
मन बुद्धि पवित्र हो
प्रेम गुण सर्वत्र हो
समाज देश के लिए
योगदान करिये ।
उल्लेखित है शास्त्रों में
शक्ति भरी है मंत्रो में
करिये दैनिक यज्ञ
प्रभु को ही भजिये ।
ज्ञान से विज्ञान तक
गर्भ से श्मशान तक
सोलह संस्कार होते
करते ही रहिये ।।
** 2 **
संस्कार तो नंगे हुये
बेईमान चंगे हुये
बड़ी ये विडम्बना है
कलयुग राज्य है ।।
धर्म -कर्म भूल रहे
नोट मात्र झूल रहे
आदमी मशीन बना
दाल रोटी प्याज में ।।
चेहरे पे चेहरा है
राज बड़ा गहरा है
चरित्र के बड़े नीचे
ऊंचे हैं समाज में ।।
यह संस्कार देख लो
इनसे कुछ सीख लो
दारू पिये बाप बेटे
बैठकर लाज में ।।
-- रामगोपाल 'प्रयास '
गाडरवारा मध्य प्रदेश
Post a Comment