दैनिक श्रेष्ठ सृजन-25/12/2019 (राजेश तिवारी)
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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
E-mail-vishvsahityasangam@gmail.com
दैनिक श्रेष्ठ सृजन
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 राजेश तिवारी जी
25 दिसंबर 2019
शीर्षक- नववर्ष
प्रथम धरा स्फूर्ति ज्योत्सना, है नूतन उत्कर्ष ।
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही आर्यों का नव वर्ष ।।
बहु - संताप निवारक है ये मानवता के मान ।
दर्श पूर्ण, निर्लोभी, त्यागी है ये सम्यक ज्ञान ।
प्रति पल प्रकृति प्ररेणा की श्रोत बनी दिखती हो..
यही पहल नव वर्ष सदा है कर ले मानव भान । प्रादुर्भाव बसन्त हुआ जब किया तभी स्पर्श,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
प्रथम दिवस, पञ्चाङ्ग, गणना, प्रारब्ध संकल्प । संवत्सर झुठलाते फिरते मैकाले से जल्प ।
दोष बन्धु में नहीं है ज्यादा खोट व्यवस्था में अपने,
आर्ष त्याग जो कुछ भी पालें वो हैं थोड़े अल्प ।
त्रुटि को सच्चा मान मनाते अंग्रेजी नववर्ष।
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
प्रथमा पाठी अग्नि, अंगिरा, वायु अद्वितीय कार्य । आदित्य सम चार शिष्य ले ब्रह्म बने आचार्य ।
अटल ज्ञान विज्ञान प्रकाशित जिनकी खातिर वे,
वेद - वचन साक्षात ईश के श्रेष्ठ पुत्र हैं आर्य ।
हमे दम्भ है आर्य पुत्र हमं ये कहने में हर्ष,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
हिम गिर द्वलित सरित का बहना खग ने भरी उड़ान । निज संस्कृति जन जन का गौरव सदा यही पहचान ।
इसी दिवस हुंकार भरी जब देव दयानंद अविरल,
आर्य - समाज बना कर रख दी आर्यावर्त की शान । आर्य-समाज भुवन चौतरफा नाद मचाता अर्श,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
-@राजेश तिवारी
रीवा (म०प्र०)
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हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 राजेश तिवारी जी
25 दिसंबर 2019
शीर्षक- नववर्ष
प्रथम धरा स्फूर्ति ज्योत्सना, है नूतन उत्कर्ष ।
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही आर्यों का नव वर्ष ।।
बहु - संताप निवारक है ये मानवता के मान ।
दर्श पूर्ण, निर्लोभी, त्यागी है ये सम्यक ज्ञान ।
प्रति पल प्रकृति प्ररेणा की श्रोत बनी दिखती हो..
यही पहल नव वर्ष सदा है कर ले मानव भान । प्रादुर्भाव बसन्त हुआ जब किया तभी स्पर्श,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
प्रथम दिवस, पञ्चाङ्ग, गणना, प्रारब्ध संकल्प । संवत्सर झुठलाते फिरते मैकाले से जल्प ।
दोष बन्धु में नहीं है ज्यादा खोट व्यवस्था में अपने,
आर्ष त्याग जो कुछ भी पालें वो हैं थोड़े अल्प ।
त्रुटि को सच्चा मान मनाते अंग्रेजी नववर्ष।
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
प्रथमा पाठी अग्नि, अंगिरा, वायु अद्वितीय कार्य । आदित्य सम चार शिष्य ले ब्रह्म बने आचार्य ।
अटल ज्ञान विज्ञान प्रकाशित जिनकी खातिर वे,
वेद - वचन साक्षात ईश के श्रेष्ठ पुत्र हैं आर्य ।
हमे दम्भ है आर्य पुत्र हमं ये कहने में हर्ष,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
हिम गिर द्वलित सरित का बहना खग ने भरी उड़ान । निज संस्कृति जन जन का गौरव सदा यही पहचान ।
इसी दिवस हुंकार भरी जब देव दयानंद अविरल,
आर्य - समाज बना कर रख दी आर्यावर्त की शान । आर्य-समाज भुवन चौतरफा नाद मचाता अर्श,
चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष ही ......
-@राजेश तिवारी
रीवा (म०प्र०)
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