दैनिक श्रेष्ठ सृजन-24/12/2019 (उषा सेठी)

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दैनिक श्रेष्ठ सृजन
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 उषा सेठी जी

24 दिसंबर 2019
 शीर्षक- जिज्ञासा
        (ताटंक छंद )
मन आकुल करती जिज्ञासा ,
                   सूर्य कहाँ छिप जाता है ।
अगली प्रात: को फिर नभ पर ,
                   यह  कैसे  दिप जाता है ।। 

विविध रंग के फूल बनाकर ,
                   कौन  गंध  भर देता है ?
तितली  के  सुंदर पंखों पर ,
                   कौन  रंग  भर  देता है ?

बच्चे  के  मन  की जिज्ञासा ,
                   बहन कहाँ से आई है ?
 माँ  के  तन  की   जिज्ञासा ,
                   सृष्टि कोख से जाई है ।।

कहे   जिसे  संसार  नियंता ,
                  कहाँ छिपा वह  होता  है?
 रात दिवस जो जगत चलाये ,
                  नहीं  कभी  भी  सोता है ।।

 यह  जिज्ञासा जीवन इच्छा ,
                   सब के मन को भाती है ।
इसके बिना निरर्थक सब कुछ ,
                   दुनिया   यही चलाती  है ।।

 ✍️ऊषा सेठी
       सिरसा

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