दैनिक श्रेष्ठ सृजन-17/12/2019 (अनिता सुधीर)
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संगम सवेरा पत्रिका
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हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 अनिता सुधीर जी
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17 दिसंबर 2019
शीर्षक- कान्हा (दोहा छन्द)
लीला न्यारी कृष्ण की, करते सब गुणगान।
बिना प्रभू आशीष के , कैसे करूं बखान ।।
कृष्ण पक्ष की अष्टमी , थी भादों की रात ।
द्वापर युग केशव हुए, दें अनुपम सौगात।।
केशव मोहन श्याम हैं , माधव के अवतार।
लाल देवकी आठवें, करें कंस पर वार।।
मातु-पिता हर्षित भये , निरखि रूप संतान।
बन्दीगृह बाधक हुआ, कौन बचाये प्रान ।।
लीला प्रभु की जान के , खुलते बन्दी द्वार।
तात चले शिशु को लिये, यमुना नीर अपार।।
गोकुल की गलियां सजीं, आया माखनचोर।
मातु यशोदा धन्य हैं , बाबा नंद विभोर ।।
अधरों पर बंसी सजी , श्याम रचायें रास।
मोर मुकुट मस्तक धरें, उर में करें निवास।।
मीठी बंसी तान पर , झूम उठे सब ग्वाल।
वस्त्र गोपियों का हरें, छिपे कुंज की डाल।।
विरह अग्नि राधा जले , कहाँ गये तुम श्याम।
व्यर्थ स्वर्ण नगरी लगे, प्रेम राधिका नाम ।।
लाज बचायी द्रौपदी , सुन अबला की पीर।
देख सुदामा की दशा, भरे आँख में नीर ।।
अर्जुन के बन सारथी , मिटाये सभी क्लेश।
युद्ध क्षेत्र में तुम दिये , गीता का उपदेश ।।
शंख चक्र धारण करें , करें बुराई नाश।
रथ का चक्का ले चले, दुश्मन हुआ हताश।।
अधर्मियों के नाश को, हर युग लो अवतार।
दुखियों की रक्षा करो , जग के पालनहार ।।
@अनिता सुधीर
निर्णायक मंडल का हार्दिक आभार
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