दैनिक श्रेष्ठ सृजन-22/11/2019 (शिवानी शुक्ला)
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दैनिक श्रेष्ठ सृजन-22-11-2019
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक बधाई आ0 शिवानी शुक्ला जी
22नवम्बर2019
कल आज से बेहतर कैसे हो?
(अनुच्छेद)
हमारा कल कैसे बेहतर हो ? इसके लिए हम सभी कुछ न कुछ अपने-अपने विचार से जोड़ते है, संजोते है, करते हैं परन्तु क्या उससे हमारा कल वाकई बेहतर हो जाता है ये विचार करने की आवश्यकता है। एक सकारात्मक सोच के साथ किया गया आपका हर कार्य सफल होता है।जीवन बहुत अनमोल है और प्रत्येक बीता हुआ क्षण वापस कभी नहीं आने वाला है इसे गंभीरता से, सजगता से जिया जाए। अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को प्रेम , सम्मान और आदर दें। सबको खुशियाँ बांटते रहिये। क्योंकि खुशी बांटने से बढ़ती है और गम बांटने से कम होता है आपकी सहानुभूति के दो शब्द किसी के मन को सुखद भविष्य की आशाओं से भर सकते हैं।आपकी सकारात्मक सोच किसी भटके हुए को रास्ते पर ला सकती है।इसलिए अपनी सोच सकारात्मक रखें, अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखें । हर दिन अपना एक लक्ष्य लेकर चलें और अपने दिनभर के क्रिया कलापों का आत्ममंथन अवश्य करें इससे आपको आत्म सुधार की प्रेरणा मिलती है और ज्यों-ज्यों आप स्वयं में सुधार लाते जायेगें स्थितियाँ अपने आप बेहतर होती जायेंगी।
आपका आज ही आने वाले कल को निर्धारित करता है ।हमारा वर्तमान ही भविष्य की नींव है इसलिए आज को बेहतर बनायें।
श्रीमती शिवानी शुक्ला
जौनपुर , उत्तर प्रदेश
दैनिक श्रेष्ठ सृजन-22-11-2019
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक बधाई आ0 शिवानी शुक्ला जी
22नवम्बर2019
कल आज से बेहतर कैसे हो?
(अनुच्छेद)
हमारा कल कैसे बेहतर हो ? इसके लिए हम सभी कुछ न कुछ अपने-अपने विचार से जोड़ते है, संजोते है, करते हैं परन्तु क्या उससे हमारा कल वाकई बेहतर हो जाता है ये विचार करने की आवश्यकता है। एक सकारात्मक सोच के साथ किया गया आपका हर कार्य सफल होता है।जीवन बहुत अनमोल है और प्रत्येक बीता हुआ क्षण वापस कभी नहीं आने वाला है इसे गंभीरता से, सजगता से जिया जाए। अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को प्रेम , सम्मान और आदर दें। सबको खुशियाँ बांटते रहिये। क्योंकि खुशी बांटने से बढ़ती है और गम बांटने से कम होता है आपकी सहानुभूति के दो शब्द किसी के मन को सुखद भविष्य की आशाओं से भर सकते हैं।आपकी सकारात्मक सोच किसी भटके हुए को रास्ते पर ला सकती है।इसलिए अपनी सोच सकारात्मक रखें, अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखें । हर दिन अपना एक लक्ष्य लेकर चलें और अपने दिनभर के क्रिया कलापों का आत्ममंथन अवश्य करें इससे आपको आत्म सुधार की प्रेरणा मिलती है और ज्यों-ज्यों आप स्वयं में सुधार लाते जायेगें स्थितियाँ अपने आप बेहतर होती जायेंगी।
आपका आज ही आने वाले कल को निर्धारित करता है ।हमारा वर्तमान ही भविष्य की नींव है इसलिए आज को बेहतर बनायें।
श्रीमती शिवानी शुक्ला
जौनपुर , उत्तर प्रदेश
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