दैनिक श्रेष्ठ सृजन 21-11-2019 (द्वारका गिते-मुंडे)
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साहित्य संपादक-वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ आ0 द्वारका गिते-मुंडे जी
दैनिक श्रेष्ठ सृजन-
21-नवम्बर-2019
शीर्षक- "माँ गंगे का कष्ट "( कविता)
स्वर्ग से धरा पर आयी हूँ,
भक्ति की धारा संग लायी हूँ।
मंगल से अमंगल बनाया तुमने
फिर भी दक्षिण-उत्तर छायी हूँ।।
कोई पाप मिटाने आते हो,
कोई मृतक की रक्षा बहाते हो।
ऐसी हरकतों से मुझे कष्ट देकर,
मेरी पवित्रता तुम कैसे भूल जाते हो।।
मानव की देख उन्नति अनूठी,
खुशी से मैं भी झूम उठी।
गंदा पानी मुझ में मिलाया,
तब वेदना से मैं कराह उठी।।
मैं माँ गंगा, भक्तिभाव से कहती हूँ,
सदियों से सब की प्यास बुझाती हूँ।
पवित्र से अपवित्र मत बनाना मुझे,
मैं अपनी संथ गति से बहती हूँ।।
© द्वारका गिते-मुंडे बीड, महाराष्ट्र
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